यूनियन पेसिफिक रेल लाइन, ग्रेट साल्ट लेक के बीच से गुजरती हुई, अमेरिका में रेलवे ट्रैक के विस्तार के समय कई रेल कंपनियों ने रेलवे ट्रैक बिछाकर पैसे कमाने की कोशिश की। लेकिन पूर्वी अमेरिका को पश्चिम अमेरिका से जोड़ते समय बीच में एक बड़ी समुद्र जैसी झील थी, जो अमेरिका की सबसे बड़ी झील है और जिसका नाम ग्रेट साल्ट लेक है। इस झील के आर-पार रेलवे ट्रैक बिछाने की सबसे बड़ी चुनौती के सामने बड़े-बड़े इंजीनियर थे।
यूनियन पेसिफिक टीम में एक इंजीनियर था, जिसने रामायण पढ़ी थी और उसे रामसेतु के बारे में जानकारी थी। उसने रामसेतु का अध्ययन किया और उसे यह जानकारी मिली कि यदि हम झील में एकदम सीधी रेलवे लाइन बिछाएँगे, तो रेलवे ट्रैक लहरों से टूट सकता है। उसने ठीक रामसेतु के डिजाइन पर अपनी रेलवे ट्रैक बनाई और वह ट्रेक अमेरिका में पिछले 60 सालों से वहीं खड़ा है और सेवा दे रहा है। यहाँ पानी लहरदार होता है इसलिए इसे जिग जेग डिजाइन किया गया है ताकि यह स्थिर रहे। रामसेतू रचना मुनिन्द्र ऋषि की कृपा से हुई थी, जो नल नील के पूज्य गुरूदेव थे।
यूनियन पेसिफिक टीम में एक इंजीनियर था, जिसने रामायण पढ़ी थी और उसे रामसेतु के बारे में जानकारी थी। उसने रामसेतु का अध्ययन किया और उसे यह जानकारी मिली कि यदि हम झील में एकदम सीधी रेलवे लाइन बिछाएँगे, तो रेलवे ट्रैक लहरों से टूट सकता है। उसने ठीक रामसेतु के डिजाइन पर अपनी रेलवे ट्रैक बनाई और वह ट्रेक अमेरिका में पिछले 60 सालों से वहीं खड़ा है और सेवा दे रहा है। यहाँ पानी लहरदार होता है इसलिए इसे जिग जेग डिजाइन किया गया है ताकि यह स्थिर रहे। रामसेतू रचना मुनिन्द्र ऋषि की कृपा से हुई थी, जो नल नील के पूज्य गुरूदेव थे।