टाइटैनिक फिल्म की लागत और अन्य रोचक तथ्य




टाइटैनिक की रिलीज़ को 26 साल पूरे हो गए हैं। 19 दिसंबर 1997 को रिलीज़ हुई इस फिल्म ने 11 ऑस्कर अपने नाम किए थे। यह फिल्म उस समय दुनिया में बनी सबसे महंगी फिल्म थी।

टाइटैनिक की कहानी


टाइटैनिक 1997 में बनी अमेरिकी महाकाव्य रोमांस और आपदा फिल्म है, जिसका निर्देशन जेम्स कैमरून ने किया है और जो पैरामाउंट पिक्चर्स और 20वीं सेंचुरी फॉक्स के सहयोग से लाइटस्टॉर्म एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित है। फिल्म में लियोनार्डो डिकैप्रियो और केट विंसलेट अभिनय करते हैं, जो एक गरीब कलाकार और एक धनी महिला हैं, जो 1912 में अपने पहले और अंतिम यात्रा पर एटलांटिक महासागर में यात्रा कर रहे शानदार आरएमएस टाइटैनिक पर सवार होते हैं। उन्होंने अपने सामाजिक अंतरों को एक तरफ रख दिया और एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए, लेकिन उनके रोमांस को जहाज के डूबने से खतरा है।

टाइटैनिक की कहानी जैक डावसन (डिकैप्रियो), एक गरीब कलाकार, और रोज़ डेविट बुकाटर (विंसलेट), एक धनी महिला के बीच प्रेम कहानी है। रोज़ अपने नियंत्रित जीवन से बचने के लिए टाइटैनिक पर सवार हो जाती है, जबकि जैक जहाज पर एक टिकट जीत लेता है। वे जहाज पर मिलते हैं और एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं, लेकिन उनका रोमांस उनके सामाजिक अंतरों और टाइटैनिक के डूबने से खतरे में है।

टाइटैनिक 14 अप्रैल 1912 को साउथैम्पटन, इंग्लैंड से न्यूयॉर्क शहर के लिए अपनी पहली और आखिरी यात्रा पर निकली। जहाज में दुनिया के सबसे अमीर और सबसे शक्तिशाली लोग सवार थे। 15 अप्रैल को, टाइटैनिक एक हिमखंड से टकरा गया और डूब गया। लगभग 1,500 लोग मारे गए, जबकि 700 से अधिक लोग बच गए।

असली टाइटैनिक से 26 गुना ज्यादा थी लागत


टाइटैनिक एक ऐपिक रोमांस और ट्रेजडी फिल्म है जिसकी लागत असली टाइटैनिक शिप से 26 गुना ज्यादा थी। फिल्म के निर्देशक जेम्स कैमरून ने फिल्म को परफेक्ट बनाने के लिए काफी मेहनत की थी। फिल्म में टाइटैनिक जहाज का रेप्लिका असल टाइटैनिक की ब्लूप्रिंट देखकर बनाया गया था। वहीं फिल्म में दिखा सारा सामान भी उन्हीं कंपनियों से तैयार करवाया गया था जिन्होंने असल जहाज के लिए काम किया था। फिल्म में कई असल घटनाएं भी दिखाई गई थी और कई सीन भी क्रिएट भी किए गए थे। सिर्फ जहाज को डूबता हुआ दिखाने के लिए मेकर्स ने एक सीन में 1 करोड़ लीटर पानी का इस्तेमाल किया था। इस फिल्म को बनाने में 200 मिलियन डॉलर, यानी 1250 करोड़ का खर्च आया था। फिल्म के हर एक मिनट के सीन में 8 करोड़ रुपये खर्च हुए थे जिससे डायरेक्टर और डिस्ट्रीब्यूटर के बीच अनबन भी हुई थी। फिल्म में रोज़ और जैक के किरदार के लिए लियोनार्डो डिकैप्रियो और केट विंसलेट को चुना गया था। फिल्म के लिए केट विंसलेट ने 10 किलो वजन कम किया था। फिल्म के लिए जेम्स कैमरून ने एक्वालैंग के साथ 12 घंटे तक पानी के अंदर रहकर शूटिंग की थी।

असली फुटेज के लिए मशक्कत


टाइटैनिक फिल्म के निर्देशक जेम्स कैमरून ने फिल्म में असली टाइटैनिक जहाज के फुटेज को शामिल करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने 20th सेंचुरी फॉक्स स्टूडियो से 12,500 फीट गहराई में जाकर फुटेज लेने के लिए पैसे मांगे। स्टूडियो ने जेम्स की बात मान ली और उन्हें 30% ज्यादा बजट दिया। 1995 में जेम्स कैमरून और उनकी टीम ने 12 बार सबमरीन के सहारे अंटार्कटिक महासागर में जाकर असली टाइटैनिक के फुटेज लिए। इस दौरान उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। एक बार तो सबमरीन का नियंत्रण खो गया और वह टाइटैनिक के जहाज के करीब आ गया। अगर सबमरीन टकर जाती तो सब कुछ खत्म हो सकता था। कड़ी मेहनत के बाद जेम्स कैमरून ने असली टाइटैनिक के फुटेज हासिल किए। इन फुटेज को फिल्म में दिखाया गया है।

जेम्स कैमरून ने बनाई थी रोज़ की पेंटिंग


फिल्म में दिखाया गया है कि जैक रोज़ की पेंटिंग बनाता है। लेकिन असल में इस पेंटिंग को जेम्स कैमरून ने बनाया था। फिल्म की प्रिंसिपल फोटोग्राफी 31 जुलाई 1994 को शुरू हुई थी। इसके बाद 15 नवंबर को शिप की रवानगी का सीन शूट हुआ। फिल्म का पहला सीन रोज़ की पेंटिंग थी। यह इसलिए था क्योंकि पूरा सेट फैला हुआ था और दूसरे सीन को शूट नहीं किया जा सकता था।

शूटिंग के दौरान कई दिक्कतें


टाइटैनिक फिल्म की शूटिंग काफी मुश्किलों में हुई। कई लोगों को कोल्ड, फ्लू और किडनी इन्फेक्शन हो गया था। केट विंसलेट को ठंडे पानी में शूट करते हुए हाइपोथर्मिया हो गया था। इतना ही नहीं क्लाइमैक्स के दौरान कैट को निमोनिया भी हो गया था।

जेम्स कैमरून से डरती थीं कैट


कैट विंसलेट को शूटिंग के दौरान जेम्स कैमरून से डर लगता था। जेम्स कैमरून परफेक्ट शॉट के लिए चिल्लाते थे। कैट इस बात से परेशान थीं कि अगर वो कुछ गलत करेंगी तो जेम्स उन्हें डांटेंगे।

ब्लूप्रिंट देखकर बनाया था सेट


टाइटैनिक फिल्म को बनाने के लिए पहले टाइटैनिक जहाज के असली ब्लूप्रिंट का इस्तेमाल किया गया था। फिल्म में कई फिक्शनल किरदार के अलावा कई असली किरदार भी थे जो उस शिप में मौजूद थे। जैसे कि नई-नई अमीर बनीं मार्ग्रेट मॉली ब्राउन, जिसका किरदार कैथी बेट्स ने निभाया था।फिल्म में 1912 की हाई क्लास सोसायटी के लोगों का सही रवैया दिखाने के लिए मैनर्स इंस्ट्रक्टर 24 घंटे सेट पर मौजूद रहता था। इतना ही नहीं रॉयल क्लास के लोगों को दिखाने के लिए विशाल बेलूगा मछली के अंडों से बनी दुनिया की सबसे महंगी डिशेज में से एक को डायनिंग टेबल वाले सीन में रखा गया था। इसकी कीमत उस समय 4500 डॉलर प्रति पाउंड थी।

टाइटैनिक का प्रभाव


टाइटैनिक का दुनिया भर पर एक बड़ा प्रभाव पड़ा। फिल्म ने जहाज की सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाई और नए जहाज सुरक्षा नियमों को लागू करने में मदद की। इसने समुद्री आपदा के बारे में जागरूकता भी बढ़ाई और आपदा प्रतिक्रिया में सुधार करने में मदद की।

टाइटैनिक एक लोकप्रिय संस्कृति की घटना बन गई है और फिल्म, संगीत और पुस्तकों में कई बार संदर्भित किया गया है। यह एक प्रेम कहानी के रूप में भी याद की जाती है जो अजेय बाधाओं को दूर करती है।

टाइटैनिक आज भी एक लोकप्रिय और प्रशंसित फिल्म है। यह एक ऐसी फिल्म है जो दर्शकों को रोमांचित करती है, प्रेरित करती है और प्रेरित करती है।

टाइटैनिक फिल्म की शूटिंग एक चुनौतीपूर्ण अनुभव थी। लेकिन जेम्स कैमरून की मेहनत और लगन के कारण यह फिल्म एक बेहतरीन फिल्म बन पाई।



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