फरीदा जलाल और डीडीएलजे: एक अनकही कहानी

 

फरीदा जलाल और डीडीएलजे: एक अनकही कहानी

हैदराबाद से मुंबई:

उन दिनों फरीदा जलाल हैदराबाद में अनिल कपूर की फिल्म "लोफर" की शूटिंग कर रही थीं। शूटिंग खत्म करके जब वो अपने होटल के कमरे में आराम कर रही थीं, तभी उनके फोन की घंटी बजी। फोन उठाने पर यश चोपड़ा की आवाज आई।

फरीदा जी ने सम्मानपूर्वक जवाब दिया, "बोलिए यश जी, कैसे याद किया? मैं आपके लिए क्या कर सकती हूं?"

यश जी ने बताया कि उनका बेटा आदित्य एक फिल्म बना रहा है और उसमें वो फरीदा जी को कास्ट करना चाहते हैं। उन्होंने पूछा, "क्या मैं आदि को तुमसे मिलने हैदराबाद भेज दूं?"

लेकिन फरीदा जी ने मना कर दिया और बताया कि कल शूटिंग खत्म हो रही है और पूरी टीम हैदराबाद से मुंबई वापस लौट रही है।

गद्दा रूम और हूबहू कहानी:

मुंबई लौटने के बाद यश चोपड़ा ने फरीदा जलाल को जुहू स्थित अपने बंगले पर बुलाया। यहाँ एक कमरा था जिसे "गद्दा रूम" कहा जाता था, जहाँ अक्सर स्क्रिप्ट सुनने-सुनाने का काम होता था। डीडीएलजे की कहानी भी फरीदा जी को इसी गद्दा रूम में सुनाई गई थी।

एक इंटरव्यू में फरीदा जी ने बताया था कि आदित्य चोपड़ा ने उन्हें पूरी डिटेल में स्क्रिप्ट सुनाई थी और जब फिल्म बनकर तैयार हुई तो उन्होंने देखा कि पूरी फिल्म हूबहू वैसी ही बनी है जैसी आदित्य ने उन्हें सुनाई थी।

लंदन का दृश्य:

हालांकि फिल्म में फरीदा जी अपने परिवार के साथ लंदन में रहती दिखाई गई हैं, लेकिन शूटिंग के लिए उनका लंदन जाना कभी नहीं हुआ था। लंदन के उनके घर के जितने भी दृश्य थे वो फिल्मिस्तान स्टूडियो में फिल्माए गए थे।

फरीदा जलाल: एक अनोखी कहानी:

14 मार्च 1949 को दिल्ली में जन्मी फरीदा जलाल जी का खुद का जीवन भी किसी फिल्म सरीखी ही है। तलाक के लिए माता-पिता का कोर्ट कचहरी में चक्कर लगाना और फिर कोर्ट द्वारा ये निर्धारित करना कि फरीदा जलाल को बोर्डिंग स्कूल भेजा जाए। फिर समय ऐसा फेर लेता है कि फरीदा जलाल का वही कॉन्टेस्ट जीत जाती हैं जिसमें राजेश खन्ना मेल विनर थे।

फरीदा जलाल और डीडीएलजे की कहानी एक अनोखी कहानी है जो हमें सिखाती है कि जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।

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